Kavita / Shayari
इक बार कहो तुम मेरी हो
जब ग़म के बादल छाये होंदुखियारे दिन आये होंजब दुनिया ने मुख मोड़ लियासब अपनों ने नाता तोड़ लियाखुशियों ने आँखें फेरी होंइक बार कहो तुम मेरी हो छोड़ दी मैंने दुनिया सारीबस तेरे ख़ातिर ओ प्यारीकरते फ़रियाद सदसाल हुएउम्मीद में अब बदहाल हुएक्यूँ इन्साफ में इतनी देरी होइक बार Read more…