Kavita / Shayari
यशोदा – गोपी संवाद
यशोदा मैया कहती है….. उदय भयो रे, मोरो पुन भाग,कि मेरो घर, कान्हा जनम लियों. गोपी कहती है….. मोरो तो लागत है, मैया.आये है,जग मे खुशी के दिन चार,कि तेरो घर, कान्हा जनम लियों. यशोदा मैया कहती हैं….. मोरो तो पता नहीं, पर,निरखत रूप मोरो, नंदलाल,हर्षत हीय मेरो, बारंबार.उदय भयो Read more…