यशोदा मैया कहती है…..

उदय भयो रे, मोरो पुन भाग,
कि मेरो घर, कान्हा जनम लियों.

गोपी कहती है…..

मोरो तो लागत है, मैया.
आये है,जग मे खुशी के दिन चार,
कि तेरो घर, कान्हा जनम लियों.

यशोदा मैया कहती हैं…..

मोरो तो पता नहीं, पर,
निरखत रूप मोरो, नंदलाल,
हर्षत हीय मेरो, बारंबार.
उदय भयो रे, मोरो पुन भाग,
कि मेरो घर, कान्हा जनम लियों.

गोपी कहती है…..

तेरो का लागत है मैया,
लगी है जो लडी, इन
ग्वालिन की,
आवत है जो , बार-बार,
कभी मांगत नोन ,
कभी मांगत हैं खाड,

नाही चाहिए, इन्हें नोन,
नाही चाहिए, इन्हें खाड.
नीरखत  खाती आवत,
कभी मांगत नोन,
कभी मांगत खाड.

यशोदा मैया कहती हैं…..

अरी ओ गोपी सखी,
कहीं ये ग्वालिन,
ना नजर लगावे,
मोरो प्यारो लाल.

गोपी कहती हैं…..

तुझे क्या लागत है, मैया,
सकल संसार, जो हरत पीर
नजर लागी इन ग्वालीन की,
नहीं धरी जीन पाव,
बाहरी इस गोकुल की.

यशोदा मैया कहती है…..

सुन री ग्वालिन सखी,
कान्हा से भयो,
मेरो भवन उजियार,

गोपी कहती है…..

मोरो तो लागत है मैया,
सर्वस जग भयों उजियार, उदय भयो रे, जग पुन भाग,
कि धरणी पे कान्हा जनम लियों.

© अमन वर्मा 


Aman Verma

Aman Verma

Naawik

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Aman Verma

Aman Verma · August 30, 2021 at 7:27 pm

Happy Krishna Janmasthmi

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