अभिव्यक्ति

The Voice of Soul

आपके सुविचार की सबको ज्ञप्ति मिलनी चाहिए,
हृदय के उद्गार को अभिव्यक्ति मिलनी चाहिए।

समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो साहित्य में रूचि रखते हैं, उनको साहित्यिक कृतियाँ पढ़ने में बहुत आनंद आता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो साहित्य पढ़ने के अलावा साहित्य सृजन में भी रूचि रखते हैं। कई बार उनकी लिखी हुई रचना सिर्फ उनकी डायरी, नोटबुक या उनके मन में ही रह जाती है तथा बाकी संसार उन अनमोल कृतियों से अनभिज्ञ ही रह जाता है। पठन एवं पाठन से मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास होता है, उसकी भाषा अलंकृत होती है तथा समाज में उसको सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, उससे भी बढ़ कर पठन एवं पाठन से मनुष्य के अंदर विवेक आता है, जो जीवन के लम्बे कठिन मार्ग पर पग-पग पर आपका मार्गदर्शन करता है। पठन-पाठन से जीवन मूल्यों का निर्माण होता है।

लेखन से लेखक की समाज पर पैनी दृष्टि , संवेदनशीलता, सहानुभूति, समानुभूति, करुणा, तर्क, विद्रोह और प्रज्ञा परिलक्षित होती है। अतः ऐसे ही बहनों – भाइयों के लिए जो साहित्य सृजन में भी रूचि रखते हैं, अभिव्यक्ति एक विनम्र प्रयास है, जो आप को एक मंच प्रदान करती है ताकि आप अपनी रचना को समस्त विश्व के समक्ष रख सकें।

आइये, हम सब मिलकर इस प्रयास को सार्थक बनायें।

हे अर्जुन ! क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

— श्रीमद्भगवदगीता