देते हैं ज़ख़्म हर दिन एक नये अंदाज़ में वो
तासीर ए मोहब्बत निभाते नये अंदाज़ में वो
गुलशन से तोड़कर पनाह तो दिया है गुल को
कांटे चुभाते हैं हर पंखुड़ी में नये अंदाज़ में वो…

फ़िज़ा को ख़िज़ाँ में बदले नये अंदाज़ में वो
नक़ाब में हो बेनक़ाब किये नये अंदाज़ में वो…

क़ाबिल न थे क़ाबिल बनाये नये अंदाज़ में वो
जुस्तजू थी उनकी थी मिटाये नये अंदाज़ में वो…

हलक़ के अल्फ़ाज़ , दफनाये नये अंदाज़ में वो
मेरे जिस्म के चिथड़ों को सिये नये अंदाज़ में वो…

इश्क़ की पाक़ीज़गी को पढ़े नये अंदाज़ में वो
जिस्म में जाॅं बसी मेरी ,सोचे नये अंदाज़ में वो…

वो मेरे थे नहीं , है नहीं जताये नये अंदाज़ में वो
वहम ए दिल को मेरे पेश किये नये अंदाज़ में वो…

© चंचलिका


Chanchlika Sharma

Chanchlika Sharma

Pure soul