Kavita / Shayari
न जाने क्यों……
न जाने क्यों, मैं फिदा हूं, उसकी चाहत का. ना जाने क्यों, मैं दीवाना हूं, उसकी चाहत का. हर – दम मैं चाहता हूं कि, वो न आये, इन खयालों में, मगर,वो आ ही जाती है, मेरे इन सवालों में. न जाने क्यों,मै….. बहुत प्यार करती थी, सिर्फ मुझ पर Read more…