जब सिर्फ तुम्हे दुत्कार मिले,
ऑफिस में बातें चार मिले,
सब श्रेय सहकर्मी ले जाये,
चपरासी भी घुड़की दे जाये
ज्यादा नहीं दो घूँट सही
तुम हया घोल कर पिया करो
तुम लाफ्टर योगा किया करो
जब यारों से इनकार मिले
बीवी से भी ना प्यार मिले,
बच्चे भी ना सुनते बात अगर,
ग़र कठिन लगे जीवन की डगर,
ज्यादा नहीं दो घूँट सही
तुम हया घोल कर पिया करो
तुम लाफ्टर योगा किया करो
गांजा, भांग, सिगरेट, बीड़ी
जब बन न सके सुख की सीढ़ी
जब जीवन में रस लगे न बाक़ी,
जब व्यर्थ लगे मधुशाला, साकी
ज्यादा नहीं दो घूँट सही
तुम हया घोल कर पिया करो
तुम लाफ्टर योगा किया करो
© Sunil Chauhan
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