आजादी का अमृत महोत्सव

आजादी का अमृत महोत्सव

कुछ दिनों से , जोर शोर सेदेश में लग रहा है ये नाराहर घर तिरंगा, घर घर तिरंगातिरंगा है जान से प्यारा….. आज़ाद वतन की आज़ादी मेंतिरंगा लहराये प्यारासबसे प्यारा, सबसे न्याराहिंदूस्तान हमारा…. परचम के तीन रंगों कीअलग मर्यादा , पहचान हैधर्म, कर्म और ओज से जुड़ीतिरंगे की कहानी है….. Read more

father

पिता

पिता ,सिर्फ शब्द नहींएक घनेरी छाँव है,वज़नदार एहसास है… पिता ,जिनकी उंगलियों सेमिला उंगलियों कोएक उष्मीय स्पर्शडगमगाते कदमों कोदी मज़बूती ,चलना सिखलाया… पिता ,आँखों से बहतेझर झर आँसुओं को रोके,दे होंठों कोमधुर मुस्कान… पिता ,बाहों में जिसकीहै फौलादी ताक़तढाल बनकर सिखाये,जीवन के हर मुठभेड़ से रक्षा… पिता ,जिन्होंने दियाअपना नाम, Read more

Sea

कुछ बातें ऐसी भी

ज़िंदगी को बेहतरीन बनाकरजीने की एक तमन्ना थीयादों के पिटारेों के संगगुफ़्तगू करने का इरादा था…. ख़ाका तजुर्बे का साथ था,मगर जीने की आदत र यूँहीपल पल बदलने लगीयही जीवन का फलसफ़ा था…. गणित के सारे गूढ़ रहस्यपल पल भारी पड़ने लगेजीवन के पन्ने शून्य रह गयेशायद आँकलन ही अधूरा Read more

Flower

मैं कौन हूँ

तुम्हारी बंदगी हीअब मेरी ज़िंदगी बन गई है… तुम्हारा नाम हीअब मेरा परिचय बन गया है… तुम्हारे संस्कार हीमेरे जीवन का अब मूल – मंत्र है… तुम्हारे वाक्यांश हीमेरे जीवन का अब वेद – वेदांत है… रीति – रिवाज़ से , धर्म – कर्म सेअब तुम्हारा स्थान मेरे जीवन मेंपरमेश्वर Read more

abhivyakti

सब्र का फल

मृग मरीचिका सीअनुसरण करती कभी कभीतुम्हारी यादें उभर आतीं हैंमेरे मानस पटल पर… यथार्थ के धरातलके समीप पहुँचकरसारी सोच अर्ध सत्य केबीच लोट रही थी… भग्नावशेष चिंताधारापंछियों की उन्मुक्तता से परेएकांत की तलाश में थीसारे सृजन को टटोलती… शाम ढलते अब कोईजुगनू चमकते नहींशायद अँधेरे से दोस्तीकर ली होगी… मेघों Read more

Sunrise

ज़िंदगी के किरदार

मेहमान बनकर इस दुनिया मेंहम सब एक दिन आए थे.मेजबान बनकर रह गये यहाँसाथ कुछ नहीं लाए थे. इंद्रधनुषी इस दुनिया मेंदौलत खूब कमाए थे.तरह तरह के पकवानों सेजी भर थाली सजाए थे. घर आए मेहमान के लिएकभी थोड़ा सा भरमाए थे.मेहमान नवाजी करने मेंक्या थोड़ा हम सकुचाए थे? मेहमान Read more

dead man

क्षण भंगुर जीवन

चल रहा था पटरी पर ,घर की ओर वह… उसकी चाल में लापरवाही थी,उसे घर पहुँचने की जल्दी थी… बिना आवाज़ की आती हुई गाड़ी कोदेख भी न सका कि क्षण भर मेंचिर शांत होकर पटरी पर गिर पड़ा… ख़ून से लथपथ,चार टुकड़ों की लाश परपड़ी जब सबकी नज़र तो,हाहाकार Read more

labor

कौन है वह???

कड़ी मेहनत करते हैं वोलगन से काम करते हैं वोबदले में चाहते हैं…थोड़ी सी छाँव,तन ढकने को कपड़े,दो जून की रोटी की ख़्वाहिशरखते हैं…कौन हैं वो ???श्रमिक ही तो हैं… पसीना हर पल बहाते हैं,धूप में तन जलाते हैं,ईंट, कंकरीट, गारे सेईमारतें जो बनाते हैं,कौन हैं वो???श्रमिक ही तो हैं… Read more

green field

तुम हो इर्द गिर्द

सुनहरी सी,गुनगुनी धूप की चादर ओढ़ेचाय की चुस्कियों संग की सुबहयाद दिलाती हैतुम हो यहीं कहीं इर्द गिर्दधूप- छाँव तले… पलाश केफूलों से भरी डालीगाँव की पगडंडी परसाथ साथ चलतेहाथों से हाथों की वो छुअनतरोताज़ा होकर आज भीज़िंदा है मेरे दिल में… तुम्हें खोने का डरतुम्हें पाने से कहीं ज़्यादाहावी Read more

Evening

अहमियत ज़िंदगी की

रिश्तों की अहमियत जाने बगैररिश्तों में ज़हर घोल लेते हैं लोगबुनियादी मज़बूती समझने से पहलेबेवजह फ़ैसले कर लेते हैं लोग… जुड़ने से पहले ही टूटने वाले रिश्तेवाकई कमज़ोर धागों में पिरोये होते हैंहाथों की लकीरों को परखने वालेआजीवन खुद से हारे होते हैं… केवल दृष्टिकोण बदलकरकहाँ कोई दूर दृष्टि रख Read more