.गीत
मन में याद, याद में तुम हो।तुझ में है सपने अनगिन॥आंगन है तुलसी का चौराऔर नीम यूँ झूम रही हैगिल्लू भागा दौड़ा फिरतागौरैया कुछ चुंग रही हैबाबा की धोती गीलाकरमुनुवा रोये हर पल -छिनमन में याद,याद में तुमहो … अनगिन॥याद Read more
मन में याद, याद में तुम हो।तुझ में है सपने अनगिन॥आंगन है तुलसी का चौराऔर नीम यूँ झूम रही हैगिल्लू भागा दौड़ा फिरतागौरैया कुछ चुंग रही हैबाबा की धोती गीलाकरमुनुवा रोये हर पल -छिनमन में याद,याद में तुमहो … अनगिन॥याद Read more
खुली हवा में साँस लेने का सुखउस कबूतर से पूछोजो पिजड़े में कभी कैद न हो ।मुक्त गगन में दम्भ भरता हैउड़ने की कलाबाज़ी दिखाता हैनजदीक से इंद्रधनुष छूकरलौटने पर इतराता है ।पर कितना कठिन हैखुशी-खुशी सुहागिनों को अपनी मांग Read more
लड़कियों के पैदा होने वबाप के लिए चिंता का बीजबोनेकी वजहसमाज द्वारा खाद पानीदहेज के रुप में जड़ों में डाला जाना हैक्योंकि जड़ें खाती हैं।पूरा पेड़ लहलहाता है।बाहर से भले ही पिता मुस्कुराता हैपर अंदर ही अंदर टूटता चला जाता Read more
मूल्यहीनता की छायाऔर भ्रष्टाचार का धूप हैजाने क्यूं !आजकल आईना चुप हैहर बात एक बिंदु पर आकरसलट जाता हैइसीलिए आईना टूटता बिखरता तो हैसच दिखाने और कहने का साहस भी है उसमेंपर हवा के सानिध्य में आते हीपलट जाता हैजब Read more
उन्हें रचने दो साज़िशऔर बनाने दो चक्रव्यूहअब अभिमन्यु नहीं मारा जाएगा और न ही द्रोणाचार्य एकलव्य का अंगूठा ले पाएंगेअब वृहन्नला भी संसद तक पहुंचेंगेशस्त्र समर्पण के प्रति न कोई भीष्म प्रतिज्ञा होगी और न ही होगा महाभारतजातिगत वर्ग संघर्ष Read more
न जाने क्यों, मैं फिदा हूं, उसकी चाहत का. ना जाने क्यों, मैं दीवाना हूं, उसकी चाहत का. हर – दम मैं चाहता हूं कि, वो न आये, इन खयालों में, मगर,वो आ ही जाती है, मेरे इन सवालों में. Read more
वो एक मानव ही था,जो सड़क से जा रहा था.आसमान की तरफ देखते हुए,क्या इतने ही तारे हैं?जितने की इन ऊंची इमारतों,पर जगमगाती हुई रोशनिया. वो भागता है,उसके पीछे आने वाली भीड़ से,नहीं मैं नहीं भाग सकता,वो रुक जाता है, Read more
इस दर्द भरे दिन की शाम नहीं है,इस आगाज़ का अंजाम नहीं है। ऐ चर्ख तूने लूट लिया सब कुछ मेरा,फिर भी तुझको इत्मीनान नहीं है. चैन-ओ-करार लूटा, अब जी चाहिए,क्या ज़रा भी दीन-ओ-ईमान नहीं है, कह दो दिल की Read more
बिस्मिल हुआ है दिल निगह की मार से,नोक दिख रही है तीर की जिग़र के पार से जब से मारा है उन्होंने तबस्सुम फेंक करतब से रहने लगे हैं हम कुछ बेक़रार से इस क़दर खाया है धोका तेरे अहद Read more
जब सिर्फ तुम्हे दुत्कार मिले,ऑफिस में बातें चार मिले,सब श्रेय सहकर्मी ले जाये,चपरासी भी घुड़की दे जायेज्यादा नहीं दो घूँट सहीतुम हया घोल कर पिया करोतुम लाफ्टर योगा किया करो जब यारों से इनकार मिलेबीवी से भी ना प्यार मिले,बच्चे Read more