तुम्हारे
और
मेरे जीवन की
कुछ अनकही
बातें लिखी है
इस
किताब में…

अव्यक्त
वेदना की
चादर से लिपटे
चंद
एहसास हैं…

यूँ
तो तुमने
किताबें
पढ़ी होगी
अनगिनत…

मगर
कुछ तुम्हारी
कुछ मेरी

अनपेक्षित
उपेक्षा

लिखी
हुई है
जीवन के
सारांश की तरह

मुड़े हुए
इन दो पन्नों पर…

© चंचलिका


Chanchlika Sharma

Chanchlika Sharma

Pure soul