जीवन के सफर को जारी रखिये
मरने की भी मगर तैयारी रखिये
दिल से काम लीजे दिमाग़ से नहीं
सर को ना इतना भारी रखिये
वक़्त आने पे मिल ही जायेगा
इतनी भी ना बेकरारी रखिये
बेवफ़ा है वो तो बेवफ़ा ही सही
आप अपनी तो वफ़ादारी रखिये
हस्र में सवाल टेढ़े भी पूछे जायेंगे
तैयार अपनी जवाबदारी रखिये
ग़ाफ़िल हुए कि गिरे अज़ाब में
थोड़ी सी तो ख़बरदारी रखिये
© सुनील चौहान
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