नज़र अगर हो नेक, तो मिल जाता है साहिल,

खुद में झाँको तो पता चलता है तुम ही हो सबसे क़ाबिल।।

जो बात ज़ुबान न कह सकी, वो नज़रों ने कह डाली,

ज़िंदगी में एक फूल के अक्सर होते हैं दो माली।।

नज़र बदल के देखो, नज़ारे बदल जाएँगे,

नज़रअंदाज़ करना आ गया, तो खुशी के दिन आएँगे।।

ज़िंदगी का खेल ही है कुछ इस तरह निराला,

कोई नज़र में उतर जाता है, तो कोई नज़र से उतर जाता है।।

© अजित भा. खाडीलकर


Abhivyakti

अभिव्यक्ति - The Voice of Soul

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *